अधिकारियों के दबाव में बदली गई थी दर्ज प्राथमिकी, शिकायत में पहले था अंबा प्रसाद और योगेंद्र साव का नाम

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संदीप सिन्हा

अधिकारियों के दबाव में बदली गई थी दर्ज प्राथमिकी, शिकायत में पहले था अंबा प्रसाद और योगेंद्र साव का नाम

हजारीबाग के बड़कागांव से कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व अन्य पर लिखित शिकायत को अधिकारियों ने बदलवा दिया। यह चौंकानेवाला खुलासा गोविंदपुर में अंचलाधिकारी शशिभूषण सिंह ने ईडी के सामने किया है। उन्होंने बताया कि उनके वरीय पदाधिकारियों ने विधायक व पूर्व मंत्री का नाम हटाने का आदेश दिया था और अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

बड़कागांव से कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व अन्य पर लिखित शिकायत को अधिकारियों ने बदलवा दिया। वरीय अधिकारियों के दबाव में पुराने आवेदन को रद करवाकर फिर से आवेदन लिखवाया गया और अज्ञात के विरुद्ध जमीन हड़पने के मामले में हजारीबाग के बड़ा बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसका खुलासा हजारीबाग के पूर्व अंचलाधिकारी शशिभूषण सिंह ने ईडी के सामने किया है। शशिभूषण सिंह वर्तमान में गोविंदपुर में अंचलाधिकारी हैं।

 12 मार्च को ईडी ने की थी छापामारी

हजारीबाग में जमीन हड़पने की कोशिश मामले में ईडी ने 12 मार्च 2024 को विधायक अंबा प्रसाद, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, तत्कालीन अंचलाधिकारी शशिभूषण सिंह व इनसे जुड़े ठिकानों पर छापामारी की थी।

इस छापेमारी में ईडी को वह शिकायत पत्र भी मिल गया था, जिसमें हजारीबाग की एक सरकारी जमीन को हड़पने का आरोप विधायक अंबा प्रसाद, उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व अन्य पर लगा था।

उसी शिकायत पत्र को बदलवाकर दोनों का नाम हटाते हुए अज्ञात के विरुद्ध दूसरा शिकायत पत्र बना, जिसके आधार पर अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

 

शशिभूषण के बयान से चौंकानेवाला खुलासा

इस संदर्भ में ईडी ने तत्कालीन अंचलाधिकारी शशिभूषण सिंह का बयान लिया तो उन्होंने बताया कि उनके वरीय पदाधिकारियों ने विधायक व पूर्व मंत्री का नाम हटाने का आदेश दिया था और अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ऐसा किया गया।

अब ईडी उक्त जमीन से जुड़े वरीय पदाधिकारियों को समन कर पूछताछ के लिए बुलाएगी। तत्कालीन अंचलाधिकारी शशिभूषण, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, विधायक अंबा प्रसाद सहित कइयों से ईडी की पूछताछ हो चुकी है। ईडी की जांच में विधायक अंबा प्रसाद व उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।

खासमहाल की जमीन पर करवा दी गई थी चारदीवारी
हजारीबाग के हुरहुरू स्थित खासमहाल की सरकारी 25 डिसमिल जमीन को हड़पने के लिए उसपर चारदीवारी करवा दी गई थी। जांच में जमीन हड़पने का आरोप पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद पर लगा था।

 

दरअसल 11 नवंबर, 2023 को उक्त जमीन पर मालिकाना हक को लेकर विवाद हो गया था। जांच के बाद तत्कालीन अंचलाधिकारी ने जमीन पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया था और कागजातों की जांच के लिए 22 नवंबर की तिथि निर्धारित की थी। सुनवाई के पूर्व ही उक्त विवादित जमीन पर टीन के चदरे से चारदीवारी खड़ी कर दी गई थी।

कैंटोनमेंट मौजा में है जमीन

हजारीबाग के कैंटोनमेंट मौजा में 50 डिसमिल जमीन है। इसके आधे हिस्से में चारदीवारी निर्माण का कार्य किया जा रहा था, जिसपर विवाद हुआ था। सभी 50 डिसमिल जमीन के लिए प्रशासन ने लीजधारक अहसान अंसारी व पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को नोटिस भेजा गया था।

नोटिस में जमीन को खासमहाल की जमीन बताया गया था। विवाद सामने आने पर तत्कालीन सदर सीओ ने अपर समाहर्ता को अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि उक्त भूमि खासमहाल लीज की भूमि है, जो लीजधारी मोहम्मद अहसान के नाम से 31 मार्च 2008 तक था।

 

वर्तमान में लीज भूमि पर लीजधारी या उनके वंशज नहीं रहते हैं। उक्त जमीन को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने पावर आफ अटार्नी के माध्यम से लिया था, जिसे गलत बताया गया है।

आवेदन बदले जाने के मामले में हजारीबाग के तत्कालीन एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा कि अंचलाधिकारी शशिभूषण उनके अधीन नहीं हैं। उन्हें जैसा आवेदन मिला, उसके अनुरूप प्राथमिकी दर्ज हुई। इसमें उन्होंने किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया

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