बीटेक छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता राहुल के फांसी की सजा बरकरार,

0
Oplus_131072

Oplus_131072

संदीप सिन्हा

बीटेक छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता राहुल के फांसी की सजा बरकरार, CBI अदालत ने सुनाया था फैसला

 झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाये गये राहुल कुमार के फांसी सजा को बरकरार रखा है. रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को ये सजा सुनायी थी.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रांची की बूटी बस्ती निवासी बीटेक छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद उसे जला कर मार देने के मामले में सजायाफ्ता राहुल कुमार उर्फ राहुल राज की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस गाैतम कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए राहुल कुमार की अपील याचिका को खारिज कर दिया. वहीं, रांची सीबीआइ की विशेष अदालत की सजा संबंधी आदेश को सही पाया

 

 राहुल कुमार को फांसी की सजा बरकरार

झारखंड सरकार की अपील याचिका को स्वीकार करते हुए राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को दी गयी फांसी की सजा को कंफर्म कर दिया. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रिया श्रेष्ठ ने बहस करते हुए घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताया और फांसी की सजा को बरकरार रखने का आग्रह किया. रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले में राहुल कुमार को 20 दिसंबर 2019 को दोषी करार दिया था. इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ दुष्कर्म व जला कर मारने की घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में बताते हुए 21 दिसंबर 2019 को आरोपी को फांसी की सजा सुनायी थी.

 

राहुल कुमार ने 2016 में दिया था घटना को अंजाम

15 दिसंबर 2016 की रात में आरोपी राहुल कुमार उर्फ राहुल राज उर्फ उर्फ रॉकी राज उर्फ अंकित उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन ने बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद उसको जला कर मारने की घटना को अंजाम दिया था. बहुचर्चित मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए आम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा था. झारखंड पुलिस व सीआइडी को जांच में सफलता नहीं मिलने पर बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी.

ये था मामला

15 दिसंबर 2016 की देर रात बूटी बस्ती निवासी बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी जला कर हत्या कर दी गयी थी़. 16 दिसंबर को मामला प्रकाश में आया और सदर थाना की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी़. कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर सकी थी. इसके बाद यह केस मार्च 2017 में सीआइडी को सौंप दी गयी. सीआइडी को भी जांच में सफलता नहीं मिली, तो राज्य सरकार ने मामले की जांच का जिम्मा मई 2018 में सीबीआई को सौंप दिया़.

सीबीआई ने कैसे लगाया था आरोपी राहुल का पता
सीबीआई ने बूटी बस्ती में मोबाइल कॉल डंप के आधार पर आरोपी राहुल का पता लगाया. इस मामले में करीब 300 लोगों से पूछताछ हुई थी. राहुल नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव का रहनेवाला था. पटना में भी उसके खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म का केस दर्ज था. वह लखनऊ जेल में बंद था. इसके बाद राहुल के माता-पिता तथा पीड़िता के स्वैब व नाखून से मिले अंश का डीएनए टेस्ट कराया गया था. इसमें राहुल की मां का डीएनए मैच कर गया. इसी सबूत के आधार पर फांसी की सजा हुई थी. सीबीआई अदालत ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए फांसी की सजा सुनायी थी.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *