छात्र शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत के बराबर

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छात्र शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत के बराबर

क्षमा में 2 लाख से अधिक शिक्षक नियुक्ति के बाद शिक्षक व छात्र अनुपात में सुधार हुआ है अब बिहार में यह राष्ट्रीय अनुपात के बराबर हो गया है राज के 90000 से ज्यादा सरकारी विद्यालयों में 2 करोड़ से अधिक छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं

शिक्षक अभ्यर्थी से सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार आने लगा है विद्यालय में नियमित तौर पर शिक्षक व विद्यार्थी आ रहे हैं तीसरे चरण की नियुक्ति के बाद तो बिहार कई राज्यों से शिक्षक व छात्र अनुपात में आगे निकल जाएगा

प्राथमिक में हुआ सुधार बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से पहले चरण में 1.20 लाख और दूसरे चरण में 94 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य में छात्र शिक्षक अनुपात में काफी सुधार हुआ है प्राथमिक विद्यालय में अब छात्र शिक्षक अनुपात 35 छात्र पर एक शिक्षक हैं या राष्ट्रीय छात्र शिक्षक अनुपात के बराबर है वही यह अनुपात पहले चरण की विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति के बाद 38 था लाख शिक्षकों की नियुक्ति से पहले यह अनुपात 45 था वहीं वर्ष 2005 में यह अनुपात 65 था

कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष क्लास चलना है

शिक्षकों की संख्या बढ़ने से स्कूली परीक्षा के साथ ही मिशन दक्ष के तहत कमजोर छात्रों को अतिरिक्त समय देकर पढ़ना है वही बच्चों के लिए विशेष क्लास संचालित की जा रही है इसको लेकर विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को इसके लिए विशेष टास्क दिया गया है

कम समय में 2 लाख से अधिक शिक्षकों को बहाल करने का बिहार ने बनाया रिकॉर्ड

इतने कम समय में दो लाख शिक्षक बहाल कर बिहार ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है ऐसा करने वाला बिहार पहला राज्य है वहीं तीसरे चरण में भी 87724 पदों पर नियुक्ति होनी है इसकी प्रक्रिया शुरू है

दो से ढाई गुना तक शिक्षक छात्र अनुपात घाट

दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति के बाद माध्यमिक स्कूलों में छात्राओं और शिक्षक का अनुपात घटकर 36 हो गया है वहीं पहले चरण में यह अनुपात 50 था प्यार लोक सेवा आयोग विद्यालय अध्यापक नियुक्ति से पहले यह अनुपात 88 था इस तरह माध्यमिक स्कूलों में दो सेट ढाई गुना तक शिक्षक छात्र अनुपात घट गया है

कोपियों के मूल्यांकन में मिला भरपूर सहयोग

विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ने से मैट्रिक व इंटर के कॉपियों के मूल्यांकन में काफी फायदा हुआ है परीक्षा में नवनियुक्त शिक्षकों को ड्यूटी में लगाया गया बिहार बोर्ड की ओर से गोपियों की मूल्यांकन में नए शिक्षकों को भी लगाया गया पहले ग्रामीण इलाकों में शिक्षक नहीं दिखते थे शिक्षा विभाग की ओर से लगातार निरीक्षण के बाद स्कूल का माहौल बदल गया है पहले चरण में चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर की गई है

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