झारखंड की जेलों के लिए बन रहा मास्टर प्लान,दुर्दांत अपराधियों को किया जाएगा शिफ्ट

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देश की तमाम जेल कुख्यात गैंगस्टरों के लिए है सेफ हाउस! मुहैया होती है सारी जरूरत की सामान,झारखंड की जेलों का भी है यही हाल !
झारखंड की जेलों के लिए बन रहा मास्टर प्लान
झारखंड का जेल भी कुख्यात गैंगस्टर के लिए सेफ हाउस बना हुआ है। जहां बैठकर गैंगस्टर आपराधिक वारदात की प्लानिंग करते हैं। जेल में बैठकर ही राज्यभर में दहशत फैलाते हुए अपनी हुकूमत चलाते है। झारखंड पुलिस अब सेफ हाउस को ध्वस्त करने की बना रही है मास्टर प्लान। जल्द ही इन कुख्यात गैंसेस्टरों के लिए की जाएगी अलग व्यवस्था
झारखंड के जेलों में बैठे गैंगस्टर जेल को सेफ जोन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और जेल के अंदर ही बैठकर राज्य में खूनी खेल खेल रहे हैं। पैसे उगाही से हत्या तक की वारदात को अंजाम दे रहे है झारखंड पुलिस अमन साहू एनकाउंटर के बाद ऐसे गैंगस्टर को कड़ा संदेश दे चुकी है।
अमन साहू के एनकाउंटर से अपराधियों में डर पैदा हुआ
राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा है कि अमन साहू के मरने से जनता और प्रशासन दोनों को लाभ मिला। एक तो अपराधी मारा गया और दूसरा उस अपराधी के मरने से दूसरे अपराधियों में डर पैदा हो गया है। खास करके जेल में बंद अपराधियों में। जेल में बंद अपराधी पुलिस पर बमबारी न करें, भागने का प्रयास न करें, व्यापारियों को परेशान न करें। नहीं तो उनका हश्र अमन साहू जैसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि जेल की स्थिति काफी नियंत्रण में आई है। लेकिन नियमित रूप से सभी एसपी को बोला गया है कि जेल की लगातार जांच पड़ताल की जाती रही।
दुर्दांत अपराधियों को अलग-अलग जेल में शिफ्ट किया जाएगा
डीजीपी ने कहा कि दुर्दांत अपराधियों को अब सेफ हाउस की तरह जेल को इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। सभी अपराधियों को अलग-अलग जेल में शिफ्ट किया जाएगा। जेल से गतिविधियों की प्लानिंग करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले गैंगस्टर को राज्य के दूसरे जिलों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल जरूर है। क्योंकि न्यायालय से अनुमति लेनी होती है। गैंगस्टर जेल में बैठकर एकछत्र राज चला रहे हैं। ऐसे में उन्होंने उन्हें दूसरे जेलों में शिफ्ट किया जाना जरूरी है।
बड़ा सवाल – जेल में बैठे अपराधियों को कैसे मिलता है मोबाइल,कैसे करते है बाहर बैठे अपने गुर्गों से संपर्क
कम्युनिकेशन डिवाइस को डिटेक्ट करना कठिन काम
हालांकि जेल से आपराधिक वादतों को अंजाम देने के लिए कम्युनिकेशन कैसे हो रहा है। यह बड़ा सवाल है। इसको लेकर डीजीपी ने कहा कि जेल से प्लान किए गए आपराधिक गतिविधियों के संचालन में सबसे अहम भूमिका कम्युनिकेशन डिवाइस की है, जिससे निपटना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। हालांकि कम्युनिकेशन को ध्वस्त करने के लिए भी पुलिस काम कर रही हैं। लगातार 3 जी, 4 जी और 5 जी जैमर लगाए जाते रहे ही। लेकिन कम्युनिकेशन डिवाइस इतने छोटे हो गए हैं कि उसे डिटेक्ट करना वास्तव में कठिन काम है। इसे तोड़ने का तरीका यही है कि उन गैंगस्टर को ऐसी जगह पर बैठने नहीं देना है। जिसे उन लोगों ने सेफ हाउस बनाकर रखा है।
