झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार

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 संदीप सिन्हा

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. आलम को बुधवार (15 मई) को गिरफ्तार किया गया.

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. आलम को बुधवार (15 मई) को लगातार दूसरे दिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. लगातार दो दिन चली पूछताछ के बाद आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया है. मंगलवार को भी झारखंड के मंत्री से करीब 9 घंटे तक पूछताछ हुई थी.

ईडी ने आलमगीर आलम से पहले संजिीव लाल व जहांगीर को अरेस्ट किया था

आलमगीर आलम की गिरफ्तारी से पहले उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर को गिरफ्तार किया गया था. उनके आवास से नोटों के ढेर मिले थे. इसके बाद आलमगीर आलम को ईडी की ओर से समन जारी किया गया था. 14 मई को तय समय पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और झारखंड के मंत्री ईडी दफ्तर पहुंचे. कागजी कार्रवाई के बाद उनसे पूछताछ शुरू हुई.

 

आलम ने कहा- नहीं मालूम था कि जहांगीर के पास इतने पैसे हैं

ईडी के अधिकारियों ने जब उनसे संजीव लाल और जहांगीर के बारे में पूछा, तो आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपए हैं. जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं थी. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें नहीं पता. मंगलवार को रात 8:30 बजे तक उनसे पूछताछ हुई.

15 मई को थोड़ी देर से पूछताछ के लिए पहुंचे आलमगीर आलम

इसके बाद उनसे कहा गया कि वे 15 मई (बुधवार) को फिर पूछताछ के लिए हिनू स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रीजनल ऑफिस पहुंचें. ग्रामीण विकास मंत्री थोड़ी देर से पहुंचे. लंबी पूछताछ के बाद शाम को उनको अरेस्ट कर लिया गया. बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारियों ने मंत्री से कमीशनखोरी से जुड़े कई सवाल पूछे. अधिकतर सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं मालूम.

 

निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों में घिर गए आलम

हालांकि निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों में वह घिर गये. पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिये जाने वाले बयान और उसके कानूनी महत्व के बारे में उनको बताया. इसके बाद उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों के आय-व्यय का ब्योरा भी मांगा गया. मंत्री से उनके आप्त सचिव संजीव लाल और उसके कारनामों की भी जानकारी मांगी. लेकिन, मंत्री ने कहा कि उन्हें आप्त सचिव की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी.

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