शराब घोटाला ,आईएएस विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह गिरफ्तार

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ABM EXCLUSIVE NEWS
शराब सिस्टम और सरकार
आईएएस विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह गिरफ्तार
झारखंड के आईएएस अधिकारी विनय चौबे को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अपने साथ ले एसीबी कार्यालय ले गई । मिली जानकारी के अनुसार करीब छह घंटे शराब घोटाले के मामले में उनसे पूछताछ की गई।पर्याप्त जवाब न मिलने पर शराब घोटाला केस में पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है। विनय चौबे उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव हैं।
झारखंड में शराब घोटाला मामले की जांच कर रहे राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
विनय कुमार चौबे 2022 में लागू हुई नई शराब नीति के झारखंड राज्य विबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे। वे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। दोनों आरोपितों पर पद का दुरुपयोग कर प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया एवं प्रविधान का समुचित अनुपालन किए बगैर साजिश रचने का आरोप है।
एसीबी ने जांच में पाया कि एक साजिश के तहत जालसाजी कर दोनों ने झारखंड सरकार को 38 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। एसीबी ने दोनों की गिरफ्तारी करीब साढ़े छह घंटे तक की पूछताछ के बाद की है
दोनों को रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया। यहां अदालत के आदेश पर दोनों 14 दिनों तक के लिए न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिए गए।
जल्द ही दोनों को एसीबी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगा। हालांकि, अब तक एसीबी ने रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन नहीं दिया है।
एसीबी ने कोर्ट को बताया कि दोनों ही अधिकारियों के विरुद्ध एसीबी प्रारंभिक जांच (पीई) कर रहा था। पीई में दोनों ही अधिकारियों के विरुद्ध अपराध की पुष्टि हुई। इसके बाद दोनों के विरुद्ध एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया। अब इस पूरे प्रकरण में एसीबी अपनी जांच को और आगे बढ़ाएगा।
सुबह एसीबी लेकर पहुंची कार्यालय,गहन पूछताछ के बाद शाम में गिरफ्तारी
एसीबी की टीम आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को सुबह करीब दस बजे उनके आवास से एसीबी कार्यालय लेकर पहुंची और पूछताछ शुरू की। एसीबी ने संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को भी पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय बुलाया था।
मुख्यमंत्री के करीबी हैं विनय चौबे
दोपहर करीब दो बजे दोनों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया के तहत एसीबी ने मेडिकल टीम को बुलाया। शाम करीब चार बजकर 40 मिनट पर एसीबी ने उन्हें विधिवत गिरफ्तार किया और दोनों को लेकर एसीबी की विशेष अदालत में पहुंची। कोर्ट को गिरफ्तारी की वजह बताई और फिर जेल भेजने की कार्रवाई हुई।
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति के बाद विधिवत् हुई है दोनों की गिरफ्तारी
राज्य में शराब घोटाला मामले में एसीबी झारखंड ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। पीई में एसीबी को यह सबूत मिले कि उत्पाद विभाग में नियमों को ताक पर रखकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन हुआ और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया गया।
इससे झारखंड सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा। इसके बाद ही एसीबी ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति लेकर 20 मई 2025 को एसीबी रांची थाना कांड संख्या 09/2025 में प्राथमिकी दर्ज की।

इसमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव सह जेएसबीसीएल के तत्कालीन प्रबंध निदेशक तथा संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य को आरोपित बनाया गया है।
झारखंड में शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई, एसीबी ने IAS विनय चौबे को किया गिरफ्तार; कोर्ट में पेशी
झारखंड में शराब घोटाले के सिलसिले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस और तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे से पूछताछ शुरू कर दी है। एसीबी की टीम ने उनके आवास पर जाकर उन्हें कार्यालय बुलाया, जहाँ उनसे छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी में कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की गई
झारखंड में शराब घोटाले में पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी)
पीई दर्ज करने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस और तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ शुरू की गई। एसीबी की टीम ने इस मामले में संयुक्त उत्पाद आयुक्त रहे गजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया। दोनों अधिकारियों को शाम करीब पांच बजे एससीबी की विशेष अदालत में पेश किया।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़ी हैं जड़ें
दरअसल, इस मामले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की।
छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में नई उत्पाद नीति
ईडी को इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया। इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
2024 में विनय चौबे समेत कई ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
पूछताछ के दौरान चौबे ने खुद को निर्दाेष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी। बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया।
इसके बाद ईडी ने इसमें ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज कर जांच शुरू की है।
