सीनियर ऑफिसर्स के ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर चल रहा बड़ा खेल! रांची पुलिस कर रही छानबीन

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 सीनियर ऑफिसर्स के ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर चल रहा बड़ा खेल! रांची पुलिस कर रही छानबीन बड़े गैंग का खुलासा होने का अंदेशा 

झारखंड के सीनियर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी के ट्रांसफर पोस्टिंग कॉन्ट्रैक्ट, टेंडर मैनेज करने के आश्वासन के नाम पर ठगी का प्रयास किए जाने की सूचना रांची पुलिस के हाथ लगी है। इस मामले में रांची पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। जिससे ठगी करने वाले ग्रुप के कुछ अन्य सदस्यों की जानकारी भी पुलिस के हाथ लगी है।

रांचीः झारखंड के सीनियर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी को मनचाहे स्थान पर ट्रांसफर पोस्टिंग कॉन्ट्रैक्ट और टेंडर मैनेज करने के नाम पर ठगी के मामले के प्रयास की पुलिस को गुप्त सूचना मिली है। जिसके आधार पर कोतवाली थाने में सनहा दर्ज आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
आईपीएस, डीएसपी और दारोगा का ट्रांसफर कराने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये वसूली की बात सामने आई है। पूरे मामले में सीआईडी जांच कर सकती है। हालांकि फंसने के डर से कोई शिकायतकर्ता सामने नहीं आ रहा है और भी पुलिस भी बच रही है।

वरीय पदाधिकारियों के तबादले के नाम पर ठगी का प्रयास

दरअसल रांची पुलिस को एक अनजाने फोन कॉल के माध्यम से सूचना मिली थी कि एक ग्रुप राज्य के सीनियर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी के ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर ठगी करने का प्रयास कर रहा है। इसके बाद कोतवाली थाने में मामला दर्ज की गई और इस मामले में रांची के दो लोगों को हिरासत में लिया गया। सनहा के आधार पर रांची के अली रेजीडेंसी के सज्जाद उर्फ मुन्ना और बंसल प्लाजा स्टेशन रोड के कैप्टन सिंह सलूजा को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
ठगी करने वाले गिरोह के तीन अन्य सदस्यों का नाम आया सामने

पुलिस को इस पूछताछ में ग्रुप के तीन और लोगों के नाम हाथ लगे है। जिसमें जमशेदपुर के सोनारी के आयन सरकार और हल्दी पोखर के चंदन लाल समेत रांची कडरू के सूर्य प्रभात का नाम सामने आया है। साथ ही पुलिस इस ग्रुप के ठगी के शिकार अधिकारी की भी पहचान करने का प्रयास कर रही है। जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।

हिरासत में लिए गए लोगों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया

 

हालांकि पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया है। लेकिन उनके मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और उसकी जांच की जा रही है। ताकि पता लगाया जा सके की इस ग्रुप की ओर से किन-किन सीनियर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी को ठगने का प्रयास किया गया है और किस तरह से यह ग्रुप काम कर रहा था।

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