झारखंड के साइबर अपराधियों के ठगी का नया तरीका, एक क्लिक और आपका लैपटॉप,कंप्यूटर,अकाउंट सब आपके नियंत्रण से बाहर

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झारखंड के साइबर अपराधियों के ठगी का नया तरीका, एक क्लिक और आपका लैपटॉप,कंप्यूटर,अकाउंट सब आपके नियंत्रण से बाहर ,चल जाएगा सब कुछ
झारखंड के साइबर अपराधी ठगी का ऐप बनाकर दूसरे ठगों को बेच रहे हैं. इनके द्वारा बनाये गये ऐप को डाउनलोड करते ही मोबाइल, लैपटॉप का नियंत्रण उनके पास चला जाता है.
जामताड़ा के साइबर अपराधी अब ‘चैट जीपीटी’ और ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ की मदद से ठगी के ऐप बना रहे हैं. इन ठगों ने पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर से ऐप बनाना सीखा. इसके बाद चैट जीपीटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से खुद ही ऐप बनाने के विशेषज्ञ बन गये हैं. अब ये अपना ऐप दूसरे ठगों को 20-25 हजार रुपये में बेच रहे हैं. 10वीं-12वीं पास इन साइबर अपराधियों द्वारा बनाये गये ऐप को डाउनलोड करते ही मोबाइल, लैपटॉप का नियंत्रण उनके पास चला जाता है और वे अपनी मर्जी से कुछ भी करने में सक्षम हो जाते हैं.
जामताड़ाः झारखंड में जामताड़ा के साइबर अपराधियों ने अब बिना ओटीपी मोबाइल हैक से ठगी करना शुरू किया है। इस गिरोह के सदस्यों ने अब तक पूरे देश में हजारों लोगों से लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी कर ली
इन साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए साइबर पुलिस और झारखंड सीआईडी तकनीकी सहायता टीम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया है।
जामताड़ा के एसपी डॉ. एहतेशाम बकारीब ने बताया कि साइबर पुलिस ने एक ऐसे नए गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अब बिना ओटीपी भेज ही लोगों के मोबाइल को हैक कर लेता है और साइबर ठगी करते हैं। ऐसे गिरोह जामताड़ा गिरिडीह देवघर धनबाद में सक्रिय है।
ऐप से साइबर ठगी का नया तरीका
एसपी डॉक्टर एहतेशाम बकारीब ने बताया कि साइबर अपराधी के नए गिरोह लोगों के मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से एक ऐप भेजते हैं और जैसे ही मोबाइल संचालक उस ऐप को खोलते हैं उनका मोबाइल पूरी तरह हैक हो जाता है। और इसी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी उनके मोबाइल से सभी तरह के मैसेज और उत्तर को हैक कर अकाउंट खाली कर देते हैं। साथ ही लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाते हैं।
2700 लोगों को भेजें ढाई लाख मैसेज,100से ज्यादा ऐप
एसपी ने बताया कि पकड़े गए नए साइबर अपराधियों के मोबाइल से कुल 2700 लोगों को ढाई लाख मैसेज भेजे गए हैं। जिसमें कई कई शिकार बन चुके हैं और कई को शिकार बनाने में वो असफल रहे हैं। यही कारण है कि सीआईडी तकनीकी की सहायता टीम इस मामले में पूरी गंभीर है और गृह मंत्रालय से सहयोग ले रही है।
शाही जीवन जीते हैं यह साइबर अपराधी
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य लग्जरी जीवन जीने की शौकीन है। इन लोगों के पास कई चार पहिया गाड़ी लैपटॉप डीएसएलआर कैमरा ड्रोन कैमरा दर्जनों मोबाइल मिले हैं। और यह लोग लग्जरी जीवन जीने की शौकीन है और ऐसो आराम के लिए दूर-दूर तक भ्रमण करते रहते हैं।
