सरकारी स्कूलों में बच्चों का नाम काटने की रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी का हुआ खुलासा
सरकारी स्कूलों में बच्चों का नाम काटने की रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी का हुआ खुलासा
सरकारी स्कूलों में बच्चों के नाम काटने की रिपोर्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है सुबह में कुल 23 लाख 9724 बच्चों के नाम काटे गए हैं अब री एडमिशन और पेंडिंग के बाद यह संख्या कुल 24 लाख 753 आ रही है माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस पर जिलों से जवाब मांगा है
दरअसल नाम काटने वाले बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिले इसके लिए पोर्टल से उनका नाम हटाना था इसी बीच बच्चों की लगातार उपस्थिति के शपथ पत्र के बाद उनका री एडमिशन कराया गया है
पोर्टल से नाम हटाने री एडमिशन और पेंडिंग को जोड़ने के बाद आधारित से अधिक बच्चों की संख्या का अंतर सामने आया है आशंका है कि जितने बच्चों का नाम काटा उससे अधिक संख्या रिपोर्ट में दे दी गई जिलों से इस संबंध में जवाब मांगी गई है
विभिन्न जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार सुबह में 23 लाख 97024 बच्चों का नाम काटा गया इनमें हेड मास्टर द्वारा ₹38025 बच्चों का नाम में था सॉफ्ट पोर्टल से हटाया गया निक ने 98 लाख 781 बच्चों का नाम पोर्टल से हटाया की 3 लाख 95962 बच्चों का रिजर्वेशन कराया गया बिना बेनेफिशरी आईडी के नाम काटे गए बच्चों की संख्या 5 लाख 9587 रही यह कुल संख्या 22 लाख 87 हजार 355 हुई इसके अलावा पेंडिंग की संख्या 1 159398 दी गई सबको जोड़कर कुल संख्या 24 लाख 40 हजार 753 हो रही है ऐसे में सवाल उठ रहा है की 48265 बच्चों की संख्या का अंतर कैसे आया
62000 39 का कुल अंतर आ रहा है सिर्फ मुजफ्फरपुर जिले में
सुबह में काटे गए 23 लाख 9724 बच्चों के नाम
फ्री एडमिशन वेंडिंग के बाद संख्या 24 लाख 753 हो गई
संख्या में 48000 से अधिक का आ रहा है अंतर
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिलों से मांगा जवाब
राज्य के 19 जिलों में सामने आया अंतर
सुबह के 19 जिलों में यह अंतर ज्यादा है मुजफ्फरपुर जिला में नाम काटने वाले बच्चों की संख्या 10 लाख 66022 दी गई इसमें सभी तरह की संख्या मिलकर 6239 का अंतर आ रहा है इसी तरह समस्तीपुर में 93191 का नाम काटा गया सभी संख्या मिलने के बाद रिपोर्ट में 3235 का अंतर आ रहा है वैशाली जिला में 135000 861 का नाम काटा वाहन संख्या में 7106 का अंतर आ रहा है इसके अलावा अन्य जिले में भी संख्या में 5000 से 1000 तक का अंतर आ रहा है इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से इस पर जवाब मांगा गया है