अब तीसरी पांचवी और आठवीं में होगी परीक्षा बाकी छात्रों को मिलेगा प्रमोशन

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अब तीसरी पांचवी और आठवीं में होगी परीक्षा बाकी छात्रों को मिलेगा प्रमोशन

अब प्रारंभिक स्कूलों के विद्यार्थियों को पहली कक्षा से लेकर आठवीं तक में तीन कक्षा में ही परीक्षा देनी होगी इसके लिए राष्ट्र शिक्षा नीति 2020 में प्रावधान किया गया है इसके तहत अब कक्षा तीन कक्षा 5 और कक्षा 8 में ही बच्चों को परीक्षा देनी होगी बीच की कक्षाओं में विद्यार्थी अलग-अलग वर्ग के मूल्यांकन में पदोन्नति होते चले जाएंगे

इसके अलावा शिक्षा के इस नए ढांचे में बुनियादी शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाएगा इसके तहत कक्षा 1 से पूर्व तक ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाएगी

नई शिक्षा नीति 2020 में शामिल 60 प्रस्ताव में से यह एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव है राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी शुरुआत भी कर दी गई है हालांकि वर्तमान में इन दोनों राज्यों में भी पांचवी और आठवीं में बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर इसका आयोजन किया जा रहा है बाकी राज्यों में इसको लेकर योजना बनाई जा रही है

एक समान होगी शिक्षा व्यवस्था बच्चों से घटेगा पढ़ाई का दबाव

नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को एक समान शिक्षा मिल सकेगा साथ ही भेदभाव रहित शिक्षा को बढ़ावा मिल सकेगा कक्षा तीन तक में अध्यनरत बच्चों को साक्षरता और संख्या ज्ञात का कौशल मिल जाएगा इससे आगे की पढ़ाई के लिए वह मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हो सकेंगे इससे बच्चों पर पढ़ाई का अतिरिक्त दबाव अभी नहीं हो सकेगा इतना ही नहीं बच्चे पढ़ाई पर पहले की अपेक्षा ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे इसके लिए स्कूलों में बच्चों की रुचि की जानकारी भी जुटा जाएगी ताकि बच्चे क्या और किस तरह के विषयों को पढ़ने में ज्यादा महत्व दे रहे हैं और कौन से ऐसे विषय हैं जिन पर वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं इसकी जानकारी शिक्षकों को भी मिल सकेगी

बच्चों की समझ पर रहेगा जोर रत्न से मिलेगी बच्चों को छुटकारा

बच्चों का पाठ्यक्रम लचीला और आसानी से समझने वाला हो सकेगा इससे कला और विज्ञान पाठ्यक्रम के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा की धारा से भी जोड़ने में बच्चों को मदद मिलेगी कोर्स के लिए बनाए गए पाठ्यक्रम में बच्चों की समझ को विकसित करने पर जोर दिया जाएगा ताकि रतन पद्धति से उन्हें छुटकारा मिल सके छठी कक्षा से ही वोकेशनल कोर्स और इंटरनल शिप कोर्स की भी शुरुआत की जाएगी इससे शिक्षा में रचीलापन आएगा और बच्चे अपनी रुचि के अनुसार पढ़ाई पूरी कर सकेंगे

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