मासूम लड़कियों का सौदा कर रहे मानव तस्कर, एक को जयपुर तो दूसरी को पटना में बेचा
संदीप सिन्हा
मासूम लड़कियों का सौदा कर रहे मानव तस्कर, एक को जयपुर तो दूसरी को पटना में बेचा
झारखंड की बेटियों मानव तस्करों के चंगुल में फंस रही हैं। उन्हें अन्य शहरों में ले जाकर बेचा जा रहा है। रांची और गढ़वा से ऐसे दो मामले सामने आए हैं जिनमें तस्करों ने जयपुर और पटना ले जाकर नाबालिग बेटियों का सौदा कर दिया। इनमें एक किशोरी का खरीदार उसे पत्नी बनाकर अपने साथ रख रहा है जबकि दूसरे को एक आर्केष्ट्रा पार्टी ने खरीद लिया है
झारखंड की राजधानी रांची की एक नाबालिग बेटी को मानव तस्करों ने चार लाख में रुपये में राजस्थान में बेच दिया है। पीड़िता जयपुर में खरीदार की पत्नी बनकर रह रही है।
तस्करों और खरीदारों ने इस शादी को वैध साबित करने के लिए पीड़िता का नया आधार कार्ड बनवा लिया है, जिसमें उसकी उम्र बढ़ा दी गई है। इस गंभीर अपराध का राज भी नए आधार कार्ड से ही खुला है।
सामाजिक संगठन भ्रष्टाचार मुक्ति संघ ने लड़की को सुरक्षित लाने की गुहार मुख्यमंत्री से लगाई है। पुलिस ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
20 माह पूर्व अगवा हुई थी 14 वर्षीय बेटी, ऐसे हुआ खुलासा
रांची के सिकिदिरी थाना क्षेत्र की रहने वाली चौठा बेदिया की 14 वर्षीय बेटी को 20 माह पूर्व बकरी चराते समय अगवा कर लिया गया था
पिता ने सात सितंबर को थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। घरवाले जगह-जगह उसकी तलाश कर रहे थे !
इस बीच, मामले में नया मोड़ तब आया, जब उनकी बेटी का नया आधार कार्ड बनकर पोस्ट ऑफिस के माध्यम से उसके घर पहुंच गया। पिता ने आधार कार्ड में अंकित मोबाइल नंबर पर फोन किया, तो उस नंबर पर बेटी से उनकी बात हो गई।
किशोरी ने उन्हें फोन पर जानकारी दी कि वह राजस्थान में है। उसे अपहरण कर यहां लाया गया है और चार लाख रुपये में सौदा कर एक व्यक्ति के साथ उसका विवाह कर दिया गया है।
उसने बताया कि विवाह को वैध करने के लिए उसकी उम्र बढ़ाकर नया आधार कार्ड बनवाया गया है, ताकि उसे बालिग करार दिया जा सके। उसने पिता से विनती की कि किसी भी तरह वहां से जल्द छुड़ाकर वह उन्हें घर ले चलें। लड़की अभी जयपुर (राजस्थान) में रह रही है।
बेटी का पता चलने के बाद लड़की के पिता ने भ्रष्टाचार मुक्ति संघ के अधिकारियों व पुलिस को मामले की जानकारी दी। मामले को लेकर भ्रष्टाचार मुक्ति संघ ने गुरुवार को बैठक की।
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष मनसु महतो तथा सचिव अश्वन तिर्की ने बताया कि किशोरी ने अपने पिता को जानकारी दी है कि अगवा करने वाले रात में उसे ट्रेन पर बैठा कर ले गए थे। उस ट्रेन में उसके जैसी 35-40 किशोरी व युवतियां थीं। सभी युवतियों को अलग-अलग स्टेशनों में उतारा गया था।
बैठक में उपस्थित केंद्रीय संगठन सचिव भजन बेदिया, चंद्रप्रकाश बेदिया, झीरगा उरांव, लहरू बेदिया, सावित्री देवी व रमेश महतो ने किशोरी को जल्द झारखंड लाने की मांग की है।
गढ़वा की किशोरी को पटना में बेचा
गढ़वा के रमकंडा थाना क्षेत्र के एक गांव के एक विलुप्तप्राय आदिम जनजाति कोरबा परिवार की नाबालिग लड़की को गांव के ही कुछ लोग आर्केस्ट्रा में डांस कराने की बात कह घर से ले गए और उसे पटना ले जाकर 50 हजार रुपये में बेच दिया।
नाबालिग के पिता ने थाना पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी दी। इस मामले में गांव के ही तीन लोगों पर लड़की को बेचने का आरोप लगाया गया है।
नाबालिग के पिता ने बताया कि एक वर्ष मैं मुंबई में रहकर काम करता हूं। मेरी पत्नी व बेटी घर पर रह रही थी। छह माह पूर्व गांव के ही रीना कुमारी, प्रमिला देवी व मंतोष कोरबा रात में मेरे घर पहुंचे।
उन्होंने बेटी को कहा कि आर्केस्ट्रा में डांस करने चलना है। लड़की आर्केस्ट्रा में अच्छा डांस कर लेती थी। इसलिए वह उनलोगों के साथ चली गई। इसके बाद आरोपितों ने उसे बिहार के पटना में लेजाकर इन लोगों ने 50 हजार रुपये में बेच दिया।
एक सप्ताह पूर्व लड़की के पिता घर लौटे तो उनकी पुत्री वहां नहीं मिली। उनकी पत्नी ने बताया कि गांव के तीन लोग उसे पटना ले गए थे। बाद में सभी लोग लौट आए, लेकिन बच्ची नहीं लौटी है।
उसके पिता अपनी पुत्री के बारे में पूछताछ करने उन लोगों के घर गए, लेकिन साथ ले जाने वाले तीनों लोगों ने मेरी बेटी के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और कहा कि आपकी बेटी है, आप खोजिए।
काफी आग्रह करने पर एक फोन नंबर दिया। उस पर फोन लगाकर करने पर पता चला कि पता चला कि नाबालिग को डांस टीम के पास बेच दिया गया है। फोन पर पिता को बताया गया कि रीना कुमारी ने 50 हजार रुपये लेकर लड़की को वहां बेच दिया है।