विदेश दौरे से स्वराज्य लौटे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वीडन और स्पेन दौरे की पूरी जानकारी अधिकारियों ने बताई

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विदेश दौरे से स्वराज्य लौटे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वीडन और स्पेन दौरे की पूरी जानकारी अधिकारियों ने बताई
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल में ही स्पेन और स्वीडन की राजकीय यात्रा की जिसका उद्देश्य झारखंड में विदेशी निवेश को बढ़ाना था. इस दौरान खनन, इस्पात, इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल और क्लीन एनर्जी में निवेश की संभावनाएं तलाशी गईं. यात्रा से झारखंड में विकास की गति बढ़ाने की उम्मीद जताई गई है
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्पेन और स्वीडन की विदेश यात्रा को लेकर अधिकारियों ने मीडिया से विस्तृत जानकारी साझा की है. सीएम सोरेन की इस यात्रा को झारखंड में विकास की गति को बढ़ाने वाला बताया गया है. इसका उद्देश्य प्रदेश में एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लक्ष्य को बढ़ावा देना भी था. इसको लेकर मुख्यमंत्री के साथ गयी अधिकारियों की टीम ने मीडिया से बातचीत की और इस क्रम में उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने बताया कि स्पेन और स्वीडन के दौरे के दौरान वहां की कंपनियों के साथ झारखंड के हितों को लेकर हुई बैठक और बातचीत की गई. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अधिकारियों के टीम 19 से 27 अप्रैल तक स्पेन और स्वीडन की यात्रा पर थी.
सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि स्पेन और स्वीडन के दौरे के दौरान वहां की कंपनियों के साथ झारखंड के हितों को लेकर हुई बैठक और बातचीत को साझा किया.अरवा राजकमल ने कहा कि इस दौरे का मुख्य लक्ष्य झारखंड में विकास की रफ्तार को बढ़ाने को लेकर एफडीआई यानी विदेशी निवेश को आकर्षित करना था. भारत में करीब 300 स्वीडिश कंपनियां काम कर रही हैं. इनमें रक्षा, इंजीनियरिंग, उत्पाद ऑटोमेटिक फैशन स्वास्थ्य सेवा आईटी के क्षेत्र शामिल हैं.
यात्रा का मुख्य उद्देश्य झारखंड में एफडीआई बढ़ाना था, उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि 2019-24 की अवधि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में झारखंड देश में आठवें स्थान पर था. इसमें स्पेन की बात करें तो माइनिंग सुधार, इस्पात, मेटालर्जी और नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों को तलाशना था. स्पेन भारत में सबसे बड़े निवेशकों में एक है. इतना ही नहीं स्पेन के बर्सिलोना में झारखंड के खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, झारखंड के खेल प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने की बात भी रखी गयी. वहीं स्वीडन की बात करें तो इस दौरे में वोल्वो, स्कैनिया और पोलस्टार जैसी कंपनियों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में झारखंड की संभावनाओं को तलाशा गया.
