घुटने टेकने को मजबूर हुए नक्सली, केंद्र और राज्य सरकार से की मांग,

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 ऑपरेशन “कगार” का कहर

 

घुटने टेकने को मजबूर हुए नक्सली, केंद्र और राज्य सरकार से की मांग, बोले- हम वार्ता को तैयार

 झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान ऑपरेशन कगार को बंद करने की मांग की गयी है. माओवादियों ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार है.

रांची : झारखंड के नक्सली अब घुटने टेकने को मजबूर हो गये हैं. यही वजह है कि भाकपा माओवादियों के लोग अब नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान “कगार” को रोकने की अपील की है. केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने बयान जारी कर तत्काल युद्ध विराम और शांति वार्ता की मांग की है. इसमें उन्होंने भारत और राज्य सरकार से ऑपरेशन कगार को रोकने का अनुरोध किया.

ऑपरेशन कगार को मिला सफलता

प्रवक्ता अभय के अनुसार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित करके कगार नामक नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया है. इस दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्या और सामूहिक गिरफ्तारियां हुई हैं. अभय ने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि केंद्र और राज्य सरकारें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में अभियान रोकेगी, तो नक्सली शांति वार्ता करने के लिए तैयार हैं.

 पूरे भारत में मारे गये 400 से अधिक नक्सली

प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि अभियान के दौरान भारत में 400 से अधिक माओवादी नेता और कार्यकर्ता मारे गये हैं. महिलाओं के साथ भी हिंसा हुई है. कई नागरिकों की भी गिरफ्तारियां हुई है और उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखकर यातना दी गयी है.

सरकार सैन्य अभियान बंद करेगी, तो करेंगे शांति वार्ता
प्रवक्ता अभय की ओर से दावा किया गया है कि अगर सरकार नक्सलियों की मांगों को लेकर बातचीत करती है, तो ऐसी स्थिति में नक्सली भी बातचीत में शामिल होंगे. नक्सलियों की ओर से यह भी घोषणा की गयी है कि अगर सरकार सैन्य अभियान बंद करेगी, तो वह युद्ध विराम की घोषणा कर देगी.

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